Kajri Teej 2024 : भारत देश के अंदर हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में हिन्दू धर्म के भी अनेक त्योहारों की भी धूम मची रहती है। उनमें से एक पर्व कजरी तीज का भी है। कजरी तीज का यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस साल कजरी 22 अगस्त 2024 तीज को मनाई जा रही है। यह त्योहार हरियाली और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
खासकर पूर्वी भारत में, कजरी तीज का पर्व बहुत धूमधाम से आयोजित किया जाता है। साल में कजरी तीज, हरियाली तीज और हरतालिका तीज मनाई जाती है, हर तीज का अपना अपना महत्व होता है। कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। चलिए विस्तार से जानते है “Kajri Teej 2024” के बारे में जानकारी की क्या है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कजरी तीज का महत्व।
Kajri Teej 2024 : तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि :
कजरी तीज का त्यौहार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 22 अगस्त 2024, वीरवार को है।इस दिन माता पार्वती और भगवान शिवजी की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है।
शुभ मुहूर्त :
- सुबह का मुहूर्त : सुबह 5 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 29 मिनट तक
- दोपहर का शुभ मुहूर्त : दोपहर को 12 बजकर 22 मिनट से लेकर 3 बजकर 37 मिनट तक है।
Kajri Teej 2024 का महत्व
कजरी तीज पर माँ पार्वती और भगवान शिवजी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है की इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। उनकी इस कठोर पूजा और तप से खुश होकर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। कजरी तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती है और मां पार्वती की पूजा करती है।
इस दिन कुंवारी कन्याए भी अच्छे और योग्य वर के लिए व्रत रखती है। सुहागिन औरतें व्रत को शाम के समय च्रद देव को अर्घ देकर व्रत खोलती है। कई जगहों पर कजरी तीज के दिन नीम के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है ही की नीम के पेड़ में नीमड़ी माता का निवास होता है।
Kajri Teej 2024 की पूजा विधि
- स्नान और व्रत का संकल्प : सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद, दिनभर निर्जला व्रत रखें।
- पूजा की तैयारी : पूजा के लिए एक साफ स्थान पर मंडप बनाएं। मंडप को आम के पत्तों और फूलों से सजाएं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना करें।
- पूजा सामग्री : पूजा के लिए आपको रोली, मौली, कुमकुम, हल्दी, चावल, फल, मिठाई, नारियल, पान के पत्ते, सुपारी, धूप, दीपक और गंगाजल की जरूरत होगी।
- पूजा विधि:
- सबसे पहले, भगवान गणपति जी की पूजा करें। गणेश जी को रोली, अक्षत,और दूर्वा चढ़ाए ।
- इसके बाद, माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करें। उन्हें रोली, कुमकुम, और चावल चढ़ाएं।
- माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
- इसके बाद कथा सुनें और अंत में आरती करें।
- व्रत का पारण : व्रत का पारण शाम को चंद्र देवता को अर्घ देकर करें।
Kajri Teej पूजा की सामग्री की सूची
- रोली
- मौली
- कुमकुम
- हल्दी
- चावल
- फल
- मिठाई
- नारियल
- पान के पत्ते
- सुपारी
- धूप
- दीपक
- गंगाजल
- सोलह श्रृंगार की सामग्री
Kajri Teej 2024 के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को करवा चौथ के व्रत की तरह दिनभर निर्जल रहना चाहिए।
- महिलाएं पूजा पाठ शुभ मुहूर्त के अनुसार करें।
Kajri Teej 2024 : संगीत और नृत्य का महत्व
कजरी तीज के दिन संगीत और नृत्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन औरतें समूह बना के गीत गाती है और नृत्य करती है। गीतों में माता पार्वती और शिवजी की महिमा का गुणगान करती है।
निष्कर्ष
कजरी तीज एक ऐसा पर्व है, जो पति-पत्नी के संबंधों को और भी मजबूत बनाता है। इस दिन महिलाएं पूरे मन और श्रद्धा से व्रत और पूजा करती हैं। वे अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी करती है। आज की इस पोस्ट में आपको हमारे द्वारा “Kajri Teej 2024” के बारे सही जानकारी मिली होगी। उम्मीद करते है आपको जानकारी पसंद आई होगी।
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